क्या आप जानते है बम्पर टू बम्पर कार कवर इन्श्योरेन्स क्या है ? अगर नही तो आज हम आपको कार के लिये लिए जाने वाले इन्श्योरेन्स के टाइप्स और उसमे क्या फायदे हो सकते है और अगर क्या नुकसान भी है ये मे आपको आज जानकारी देने वाला हु ।
जब भी कोई इंसान एक नई कार लेता है तो उस पर बहोत सोच समज़ कर सारे डीसीजन लिए होते है , और उसके बाद कार की सेफ़्टी के लिए सब से बड़ी बात है की कोनसा इन्श्योरेन्स लेना चाहिए , किस टाइप्स का इन्श्योरेन्स लेना चाहिये , किस कॉम्पनी का इन्श्योरेन्स सस्ते के साथ अच्छी सर्विस भी देगा एसे कई सारे सवाल आपके दिमाग मे होते है । तो आइए उस बारे मे थोड़ा डिटेल्स मे जानते है ।
बम्पर टू बम्पर कार इन्श्योरेन्स क्या है ?
आपकी कार को DEPRECIATION के बाद भी पूरा कवर मिले उसको ही सही मायने मे बम्पर टू बम्पर कवर इन्श्योरेन्स कहते है , नील-डेप इन्श्योरेन्स ,ऐड-ऑन कवर इन्श्योरेन्स , ज़ीरो टू ज़ीरो कवर इन्श्योरेन्स ,ये सभी एक ही है जिसे हम बम्पर टू बम्पर इन्श्योरेन्स कहते है । इन्श्योरेन्स मे इस तरह के कवर की शरुवात 2009 से हुवी है । और तभी से न्यू कार पर B TO B + थर्ड पार्टी + और कई नए कवर दिए जाते है , रिनयु करवा ने पर सिर्फ ज़ीरो डेप + थर्ड पार्टी औरों कार की उम्र 5 साल से ज्यादा होने पर सिर्फ थर्ड पार्टी इन्श्योरेन्स दिया जाता है ।
बम्पर टू बम्पर कार इन्श्योरेन्स मे कार के इंजेन ,टायर , ट्यूब , ग्लास , बैटरी जेसे पार्ट का कवरेज नही मिलता है बल्कि सिर्फ कार के B to B पार्ट यानिकी कार पर कोई नुकसान होने पर उसके बाह्य पार्ट जो आगे से लेकर पीछे के बम्पर तक के सभी नुकसान को कवर करता है उसमे गाड़ी के डोर ,बम्पर ,फॉग लेमप ,लाइट्स ,और पीछे की साइड भी वही सब कवर किया जाता है । बम्पर कवर इन्श्योरेन्स मे आप सिर्फ साल मे दो बार ही क्लैम कर सकते हो ।
नई कार पर बम्पर टू बम्पर इन्श्योरेन्स का फायदा :
जब आपको नई कार पर डीलर्स का इन्श्योरेन्स दिया जाता है वो एक साल का होता है और वो कार का पूरा कवर इन्श्योरेन्स होता है । इसलिए अगर आप उसमे क्लैम भी करते हो तो आपका कार इन्श्योरेन्स क्लैम पूरा कवर हो जाता है । क्यू की नई कार पर DEPRECIATION का कोई इस्यू नहीं होता है इसलिए सभी पार्ट का पूरा कवर मिल जाता है ।
और जब कार एक साल बाद पुरानी होती है तो उसका कुछ Depreciation अमाउन्ट कट किया जाता है जो की कार की वएल्यूशन पर इफेक्ट करता है । पर फिर भी उसमे आपको RANCऔर पाँच साल तक ज़ीरो डेप इन्श्योरेन्स कवर मिलता है , साल दर साल कार का Depreciation वैल्यू बढ़ता जाता है और कार की वएल्यूशन कम होती जाती है । और पाँच साल बाद बम्पर कवर इन्श्योरेन्स नही मिलता फिर सिर्फ थर्ड पार्टी इन्श्योरेन्स करवाया जा सकता है ।
बम्पर टू बम्पर इन्श्योरेन्स ही क्यू ?
क्योंकी…
महंगी कार पर ज्यादा फायदेमंद है , हाई ब्रांड कार की वैल्यू भी बहोत होती है और उसके पार्ट्स भी बहोत महंगे होते है तब एसी कार पर एक्सिडन्ट या कोई भी प्रकार का नुकसान होना इन्श्योरेन्स मे कवर कर ने के लिए सरल रहता है ।
नई कार के लिए , जब शो रूम से नई कार लेते है तब पहला इन्श्योरेन्स डीलर खुद कर के देता है क्यू की नई कार है उसकी वैल्यू अभी पूरी है अगर कोई नुकसान होता है तो उसका पूरा कवर इन्श्योरेन्स कंपनी कवर करती है ।
एक्स्ट्रा कवर ऐड होना , इन्श्योरेन्स कंपनी के B TO B इन्श्योरेन्स मे की एक्स्ट्रा कवर भी दिए जाते है जेसे की रोड साइड आसिसटन्स , कार टोइंग कवर ,की कवर इसे की कवर शामिल किए जाते है
नये ड्राइवर के लिए , जब कोई कार कोई नई नई कार सिख रहा होता है या पहली बार ड्राइविंग कर रहे है तब कार को नुकशान होने की संभावना ज्यादा होती है । एसे मे अगर आपकी कार का बम्पर टू बम्पर कवर इन्श्योरेन्स है तो नुकशान होने पर भी पूरा कवर इन्श्योरेन्स मे कवर हो जाता है जो बहोत फायदेमंद है ।
एक्सीडेंट संभवित जगह पर ड्राइव करने पर , आज कल एक्सीडेंट कही पर भी हो सकता है । पर ज्यादातर सिटी एरिया मे जहा आने जाने मे काफी ट्राफिक और दिक्कतों का सामना करना पड़ता हो वेसी जगह ड्राइव कर ने पर एक्सीडेंट होना संभव है । और एसे मे आपकी कार का ज़ीरो डेप बीमा है तो गभरा ने की बिल्कुल ही जरूरत नही होती ।
B TO B कार इन्श्योरेन्स प्रीमियम :
बम्पर टू बम्पर कार का इन्श्योरेन्स दूसरे कवर इन्श्योरेन्स से ज्यादा हो सकता है क्यू की इस इन्श्योरेन्स मे आपको कार का पूरा कवर दिया जाता है और सब से बड़ी बात कार का डेपरिसीयसन नही देखा जाता । और इसे मे अगर आप कार इन्श्योरेन्स पर थोड़ा ज्यादा पैसा खर्च कर रहे हो तो आप भविष्य मे काफी काम aअ सकता है जिस से आपकी कार का अगर कोई इन्श्योरेन्स क्लेम करना पड़ा तो आपको निश्चिंत रह सकते हो ।
जब कोई कार का इन्श्योरेन्स आप सस्ते दामों मे लेना चाहते हो तो आपको बाद मे भारी किमत चुकानी पड़ सकती है , अगर आपके पास बम्पर तो बम्पर कवर इन्श्योरेन्स है तो आपको क्लेम टाइम पर कोई टेन्सन नही रहता आपकी कार फिर से पहले जेसी हो सकती है । और इसलिए की लोग कार बीमा लेने मे ज्यादा किमत देने के लिए भी तैयार रहते है ।
इन्श्योरेन्स के लिए B TO B कवर सिर्फ कंपनी पाँच साल तक देती है और उसके बाद सिर्फ थर्ड पार्टी बीमा आप करवा सकते हो । पर कई बीमा कंपनी पुरानी कार पर भी मोटी रकम लेकर ज़ीरो डेप इन्श्योरेन्स करती है । यह कार कितनी पुरानी है , कॉन्से मोडेल की है , उस पर भी काफी निर्भर होता है की उसमे आपको पूरा बीमा मीमल सकता है या नही ।