भारत मे हर फॅमिली का एक सपना होता है की वो अपनी फॅमिली को खुद की कार मे ले कर घूमे ,और मे आज आपको पुरानी कार खरीदने के टिप्स देना चाहता हु जो आपका कार लेने का सपना पूरा कर सकती है ।
कार लेने के लिए कम से कम बजेट 2 से 4 लाख तक का होना चाहिये पर क्या आप एक पुरानी कार वो भी अच्छी कॉन्डीसन , कम प्राइज़ , और उसको खरीद ने के लिए आपको क्या प्रोसेस करनी होती है वही सब जानकारी मे आज आपको देने वाला हु ।
पुरानी कार खरीदने के टिप्स :
पुरानी कार खरीदने के टिप्स मे कुछ सिम्पल टिप्स है जो मे पहले आपको बता देता हु की जब भी आप पुरानी कार खरीद ने वाले हो तब कार्स के कितने डॉक्यूमेंट है जो आप को चेक कर लेने चाहिए , जेसे की कार के पेपर्स उसमे कार की RC , PUC , और सब से ज्यादा इम्पॉर्टन्ट कार का इन्श्योरेन्स होना जरूरी है । सेकेंड हैंड कार खरीद ने पर आपको ऊपर दी गई टिप्स का तो ख्याल रखना ही है वरना फिर बाद मे काफी परेसनियों का सामना कर न पड सकता है ।
कार Depreciation Value देख ले :
जब भी आप कोई सेकेंड हेंड कार खरीद रहे है तो आप सब से पहले उसकी डेप्रिसिएशन वैल्यू पर ध्यान दे , कार की हाल की कॉन्डीसन क्या है , कार की सर्विसिंग ,कार का मैन्टेननस , ड्राइविंग कंडीसन ये सभी चीजों को बारीकी से जांच ले क्यू की यही सभी चीज कार का डेप्रिसिएशन वैल्यू डिसाइड करता है । नई कार का Deprecation रेट कम होता है जब की पुरानी कार का रेट ज्यादा होता है ।
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10 साल से पुरानी गाड़ी ना खरीदे :
कोई भी पुरानी कार खरीदते समय आप उसका मेनुफएकचरिंग डेट जरूर देखे जो आपको कार की RC से पता चल जाएगा की कार किस साल मे खरीदी गई है , कई राज्यों मे 15 साल से पुरानी कार पर बैन लगाया गया है , तो आप सस्ती कार खरीद ने के चक्कर मे ज्यादा पुरानी कार खरीद ने की गलती ना करे ।
HOW TO BUY 2ND HAND CAR ( सारे पेपर्स चेक करे ) :
पुरानी कार के जीतने भी पेपर्स है वो सभी आपको एक कस्टमर हक से चेक कर ने चाहिये जेसे की कार का फर्स्ट ओनर्स से लेकर रीसन्ट ओनर्स का ट्रैन्स्फर पेपर्स हे या नहीं , कार का इन्श्योरेन्स रनिंग ही या नहीं , कार का RC वही ओनर के नाम पर होना चाहिए जिस से आपकार खरीद रहे हो , और PUC भी रनिंग डेट्स का होना चाहिए उस से आपको कार की सही कंडीसन का पता चल जाएगा ।
एक्स्ट्रा कोस्ट पर भी ध्यान दे :
कार खरीद ते समय अन्य विविध खर्चे भी लगते ही जिसे Miscellaneous कोस्ट कहते है नई कार खरीद ते समय रजिस्ट्रेसन फीस , RTO फीस जेसी कोस्ट लगाई जाती है पर आपको उस पर भी एक बार ध्यान देना जरूरी है क्युकी पुरानी कार लेते समय यह कोई खर्च अलग से देना नहीं पड़ता ।
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VIN नंबर से कार का MFY जाने :
ऑटमोबाइल इंडस्ट्री ने हर कार को अलग से पहचान ने के लिए एक VIN नंबर मतलब की वीइकल आइडेंटिफिकेसन नंबर बनाते ही जिसे इंजेन के पास लगाया जाता है । और उस से आप कार का Manufacturing Year जान सकते हो , अगर VIN नंबर से आपको उसका MFY समज नहीं आ रहा तो यहा मेने एक सिम्पल टेबल दिया है जिस से आपको समज मे आ जाएगा की कार का Manufacturing किस साल मे हुवा है ।
सही कार ओनर्स का पता करे :
कार खरीदते समय जब आप पुरानी कार ले रहे है तब आपको जो ओनर कार बेच रहा है वही सही ऑनर है या नहीं वो जान लेना चाहिये वरना आपको भारी मुसीबतों का सामना करना पड सकता है ।
GOVERNMENT OF INDIA का परिवहन सेवा वेबसाइट्स पर जा कर आप कोई भी वीइकल का रजिस्टर ओनर चेक कर सकते है ।
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